脇見辛すぎる
■ このスレッドは過去ログ倉庫に格納されています
--___--_____---____--__--_--_-_----_-__--__---__-_-_-_--_-__-___-__---_-_
_-_-_____-_---_-_----__-__--__--_____-_-_---_--_---__-----___---_-_____-_
-__------_-_-_-----_-___-__-___--____-_--_----__-_-_____-__--_-_--_____--
-_--___-_-_-__-_---_-____-_-----_--_-_--___--_-_-_-_-__---___-_---_-_____
_-__-_--_--_____------____-____----__--__-____--_---__----___-_--_-_-_-_-
-__-_--_--_-__-_-__--_-_-_--____-_-__--__-___------_--__---____-__--___--
_-__-_____-_--_---___--__--_----_-_-_____-_-_-____---_-___-_-__---_------
_-_-____-_-___-_-_-_-_-_-__-_-____---_-_______---------_--__-_-----_-_--_
--_-_--_-___-_-_-_--__-__---_---_-__--_---_-____---___--_-_-_-_____--_-__
-_--_-______--_------___-_-_--_--_-___-_---__--___--_-__-__-_-_--_--__-__
--__---__-_-_---_-_--_--_-___-_--______-___--_--_-_---_-___--_-_-_--_-___
___-_-__-_____---__-___--_-_-__---___--___--__---_--_---_---___-__-_-----
-__-_--__---_-_--_-____--_____-_--_-_------_-__---__-___--_--_-_--_-_____
_-__--_--_--_---_-____-_-___-__-_---_-___-_--____--_-__--_-_--__-__----_-
_-__--_-_--_-_--_-_-__--__-_-____-___-_--_--___-___---__--__--_-_--__----
-_____-_-__----_--_-_--_------____---_-__-____---__--___--______-_-_-_---
_------_-____-__-_--_--_--_-_-__--_-__---__---__-----_-__-_-____-______-_
_-__--_-___---__----_-____---_-_-----__--_-___--_---____--__--_-____--___
_-_-_--_-_--__---__-_--_-_-_-__________-_-_-_-_-_----__-___---_-_---__---
---__---__--__-________--__-___-_--_--_--___---__-----__--__---___-__-_--
__-__--_-_-__-_-__---_--_--______-__----_-_-_-_-_-____--__-----__--_--__-
____-----_-___------__--__-___-------____--__--__---_-_____-_--__-__-_-__
----_--______-____-_-----_-_--__--_-__--______-___-----__-_--_-__--_-__--
_-_-_-_-_----__---__-_-__--__-_-___---_-_------____-___---__-_--__-____-_
_--__--____-_____-__-____--_-__--_--_-___---___---_-----_-_-__---_-__----
_---___-__-__-----_------_---________-_--_----_--_-----_-________-_-_____ -_----__--_-_--_-_-----______-_---_-__---__-____-_-_-_--__-__---_--______
_-_---______-_-__--__-____--____----_--_-_-_---_--_-_--__--_-___--_--_--_
_--_--_---_---_____-_----_-__-_-__---_----__--_--__-____-____-___-__---__
__---__---_-_-____---_____--_-----_--_-_--____--_-___----__-__--____-_--_
-_-_-_-_-___-_--__-_-_-__-_---___--__-__-_---_-__---_--_---___----_____-_
_-_--___---__-_-_--__--_-_-_----_---___-___---__----___-___-__---_-____-_
__---__--_-_-__--_____--_----__-_--_-_--__---__---_--_____-_-____-_--_-_-
_-___-_-----_--__-_-____-__-_-__-_-______--_----_---___--__---__-_-_--_--
--_-_-----_-_-_____----_-_-__-_--_-_-__---_-_-_--__-__-__--_-_____-_-_-__
_------_-_-_-___---_--_-___---_____-____-_---__-____---_-_-_-_-__-_--__--
_--_______-____--_-_-__-__--_-_____------___-_-_-----_-__----_--_-_-_-_--
___---_-______-_----------------_--_______-__-_----_--___-__-_-__-____-__
--_--___----___-__--___-___--___-___---__---------_--__-_-_---_______--__
-__---__-__--_--___--__--__---____--__--____-_-___---_-----___-___-_----_
-_--_-_-_--___-_-___------_______---____--__---_-___--_--_--__-_-_-_---__
-_-___-_--_---_-__-__-_-----__-_-__---__--__-_--__--_-_-_--_-_--__-______
__--_--_--_--_---__---__---__---___-__--_--_--_---___-_--___--_______-___
--____-___--_-____-_--____-__-----____--_--_--___--_---------_--____-_-__
__---_-_--_--_____-----_-_-___-_--_-_--_____-_--______--___----_--_--__--
_-____--_-_----__---____--_-_---___-__--__--_-__-___-___---___-_----_-_--
-___-__------___--__--__-_--___-_-_-__-_-_--___--____-_-__-_-__---__-----
-_-___-____-__-_--_-_--__---__--_-__-------_-_---__-_____----_--______--_
-_--_-__--__-_-_-__---__-_-_---__-_--__--_-___-_-_--__-__---__--__-__--__
----_--_-___-____-_--___-__----__--__---_---____-_-_---___--_---_-_-_____
-__---_--_-_-__-_-_--__-_-_-_-----_--_--__-__-__-_--__-__-_-___-_____-_--
--__---__-____-_--_____---_----____---_--_-_---_-_----___-_-_-____-_-__-_ _____-__-_--__--_____-_-_--_-_-___---_----__-_-_-___--_---_--__--_-_-_---
__-__----__-__--------_-__-_--____-__-___-___-__--_---_____---_--__-_-_--
_____---_----_---_-___--_-____-___--____-___----_-_-__--_----_____--_----
-_--_------_---__-_--_____---__-____-__-__-___-__-_-------_---__--_______
_--_----____-_---__-_-__-_-_-___----_-___--___-_---____---__---_----_____
-_--_--_--_-__-_____---__--__-_--____--___-----_-_--_--____-__-_-_--_-__-
__---_-_-_-___-_--_---__-_---_---___-___----_____-_-_--__----__-__---____
--____-___-__-___---__--___------_--_-_--___-_-__-__--_--__-____-----_--_
__---_-_---_____------___-_-_-____-_-___---__--___--_------_-_____--__-_-
-_-__--___------_---__-__--__----_-_-_-___-_---_____-___--_---_-__--_____
_--__-__-_-_-__--__-_--_---_-----_-__--__-_-----__-_-_-____-_-_--______-_
-____---_-_---__-_-____----_-_--____----___---_-_--_-__-__-_____-----__-_
__-_-_-_-__----______----_-_-_-_-__-___--__--____-_--_-__-----__--_---__-
_---_-_------__-_-___----_-____---___------__-_-__---_____--______-__-_-_
-_-_-_-_-___--_-___--___-__--_----__--___-___-_-__-__---_-_--__---_--_-_-
__-__-___------_-_---___--___-___--_____--__--_--------_-_--__-__-__--___
-__-__--___--___--__--_----_--__-__--_--__-_-_--_-___-__---__--___--___--
-_-_-__---___-__--__---__----_-_--_---____-__-__-_-_--_---_---___-___-___
----_---_____---__-_-_---_-__-_---_--_______-_--_---___--_--__--____--___
____-_-_-_--__---____---___----___--_--___-_-_----_-__-_____--_-_-_-_----
_---_-__----_-_----________--_-_-__-____--__--__-_-__--___-__----__-_----
-_-_-_----_-_-_---______---_-______--_-___-_---__-___----_-_-__-_--_-_-_-
----__-_---___-_--__---_--___--__--_--__-_-_-__-_--______-__-_-_-__--__--
-___-_---_-___--_-___-_--__--__--_-___---___---____-----___---_-_-__---__
_-_---__--___--_---_--_-_-____-_---_-___-__-___-__-__-_____---_-_----_---
-_---_---__----__--__-_-__--_-----____-__-_--_-_-___---_-__-__-___-__-___ --__--_--_-_--_--_-_-____--__---_--__-___-_____-----__----_-__---_-______
_____--___---_____----------___--_-_--________-_--_--_-_-__--_---_-___---
-_-__-__-_-_----_--_--__--__-___-___-__----_---_-__--____-_--_---__-__-__
-_----________-_---_-___-_-__-_---_-__--___-__-_------_-___----_-__-_-_-_
-__-_--_--_---__--_----_____-__------____-__-__-_-----_-___---__-______-_
____-__-____-_---__---_-___-_-_-_-_--__---_-___--___-__-_---__-_----_----
--_--___----_-_---_---_____--_-__-__-_-__-_-_-__-_---_-__--_--____-_--___
-_____----_-_-----_--_-----_-___-_-_-_----__-_-_-_-_-__-_______-__-_--___
--__--__-____-_-_----_--_---_-_---____--_---___-__-_-_----____--___-___-_
_--__-_-_--_-_----_-------___-____--_-______-_-__--___---_-_-_____-_-_---
_-----__-__-_--_-_-_-_-__--_-_-_--_--____--___--_-_--_-_-_---_-___--_____
-_--___------_-_--__-__-___-__-__-_--_____-_---___--_-----__-_-_---__-___
-___-___-___-__-______-_____-_-__--_-_-----_--_--_-_-----_-___-_--_------
_--_-__---_-_--__---_--_______-__---_-_-_-___-____---___-__-_-_--_--_----
-_-------_--_--_-__-__--_-_-_____-____--______---__--_---__-_-_-__-_-_-_-
____--_--_--____-----_------_-_____-_______--__---__---_-_--__---_---____
___-__--_--_---__--___--_-----_--__--_--___-_----_-_-_-_____--__--__-____
-___--__-_-__--__---__-___-__-_-______-_--_-_--_---____---_---__--_---_--
_---_-_-________-___-__--_-___-_--_---___-___-_-----_--_--__----__-__----
__-_--____--_-_-___-_-----__--_-_-___---_-----_-_-__-_--_-_-_---________-
_-_--_---_-_--__________----_-_-----------_-__-_--___-_-__-_-_-_-_____-__
__--__---_-_-_----__-_--_-_-_-__-__-___-_--------_________-_---_--___-_-_
__---_--_--__-_---___-_--___-__-_--_---__-_-----__-_-___-_-__--__-__-_-__
_____-_---_-__-_---__---__----_-_--_-__-_---__---_---__-___-__-__-_-_-___
---__--_-_______---_---__-_-_--_-____-_--__-___--_--_-____--_-_-__---_---
-_----__-__--___---_____-_-____-_---_--__--__-_-_----__-_-__--_--_--__-__ -_-_--_--__-_-____----__-_------_-_-_-_-__-_--_-_-____-_-__-_-_---____-__
--_---_--_---_--___-_-_-_-___-___-________--__---_____--_-_--_---_--_-_--
---____--__-__---____---_-__---__--____--_-_-_______---_-_---_-_-__---_--
-_-____-----_-_----__---_-__-_____--___-__------_-_---___--____-_-__-_-__
__-__-_--_-_--__--_-__-__---___-------_--_--_-__----____--___--_____-_-__
_-______---_--_-___--_-_--___---_--_-_-__--_---_-_--___--___-__-_----__-_
--___----_----__--__--____-_-_____-_--__-__-_-_---_--_----___--_--___-___
_--_-_--_--__--_-___---_-___-_-___-_--_-_--__--________--_--_-_-___------
_-__-_-_-_-_-____________--__-__-__--_-_--_-----_---__-__-_---_-_--_-----
-___-___--_---__------_-----__-___---__-___-_--_--_-__-_______---_-_--___
__-_-__-_-_----__-___-----__--__---__-__--_-_--_-_---___-_--__-_-__--____
-----_-___-_-_-____---__-_-__--_-__-_-_-_-____-_-_-___-_-_--___------_-_-
-__-___--__-____--_--__--_-_--_-____-__---__-__--__--_-_-_-_--_--__---_--
__-_-__-_-_--_---__---__--_--_-___-_-_--_-_-____-_____---_-_-__-_------__
-____--_-______--__--_------_-_____-___--_-__--______---__------_-_--_---
---__--____-____-__-------___-___---_--_--_-_-___-__-_--_--___--__-__---_
_---__--_-__-----___-_---__-_____-_-__-___---__-----_-__---___-_-_--_-___
_--_-________----__-______-_-_--_-__--_--_---____------__--_-_-_-----___-
-__-______---__--__--___--_--_--_-___-_-----__-__---_____-_-___-----__---
__--___-------___-_-___-______--____--_-------_--__---__-_-_--_-_--____-_
--_---_____--__-___-_-__---_-__------_-____-___-_____-_--_--__-__-----_--
_--____-_---_-__-__-____---___-_----_---_---__-_-_-_--_---__-_____---___-
_---___-_-__-_--_-__-__-_------__--__-_--_-__-__--_--_--________-_-__----
-__--____--_-----_--_---__--______--____---__--_--_____----___-_-__-_--_-
_--___-----------__-____-______----_______-_-_--_-_--_-__-----__-__-___--
---__-__----__-_--_----__----___-_---_-_--____-_-____-_----___--______-__ ----__---_-_---__---__-_--_--_____-_---___-__--_-_-__-____-_---_____---__
-_----_-_-__--___-_--_-_---_---__--____--__---_-__--_-____----_____--____
---_--___-__---_-_-_-___-_-__---_--____-__-_-__---__-__----___--_--___--_
-_---_-___-_--__-__-__--___-_---_-__-_--_____-__-_---__-__--_--_-_--__---
____-__-___-----_______---_--_---__-_-___-__----_-__--_-_-__----__-_--_--
__-____-__-___---__---_----_-_____-_--_-__-_--___--___--__-___--_--------
___-___-__-____-_-_---___________----_-----_-____------__--__-_---_------
_--___-__-__-__--__--_--_-_---__-_-__-_----_-__--_-----_____---_-_-___-__
---___--___-_______---___------_-_--___-__-_---_-_-__-____---_-_-_--__---
__-_--_-_---__-__--_-_-_--_-----___-__--_----__--______---_---____-_-____
--___---__---_-_-------_-_---_-____--_-__--__-_--____-_-_____-_-__--_-___
---_-_--___---_--____----_______-_-___--__--__--__-_-_--__---__--_-_---__
__---__---_--___-___--__-__-__--__-___---__---___---_-_----_-_-_-_-__--__
--_-___--_-__------________-_-__---__--__-_-__---------_-_-____-_-_-_-___
--_-_-_-_-____--_-_--_---______-----_-_--__--__-__-__----__--_____-__-_--
-_--___---____---_--__--__-_-__---_______----___----____-___-----_-__---_
-_____-_--__---__--_--__-_-_---_-_--_--_-_-__-_-_--____-__-__-----__--___
_----_--____-___________-_---_-_-____------_-----__-_-_-------___-_-_-___
---__-__--_-_--_----___--___-_-----__---______--__-_-_-_____--_-__----___
__-_-__--__-_-_---__--_-_--_--_--__----___--___-___--__-----_____---__-__
--_-_----__----___-_-_---__-_--_-_--__--_-_-_____-__--___-_--_---____-___
_-_-_-_-___-____--__-_-_--------_-__-------__---____-_-_-_---_-________-_
-___-_-----_-----_-__--__---__-_--____---__--____-_-__-_-_--___---___-___
-__--_-_-----__---__-_-____--__-___---_----__-___--___-_-__-______--_----
__-____-_-__-_--------____-_----__---_-__--_----____-_-__-__--_----______
_---_---__-__-_-_--___--_-_--_-_--___-----___-___-_-___--_--_--___--_-___ ■ このスレッドは過去ログ倉庫に格納されています